अन्र्तचेतना जगाने का उत्सव: पर्युषण महापर्व
जैन धर्म का महापर्व पर्वाधिराज पर्युषण इस वर्ष 31 अगस्त को हमारे समकक्ष उपस्थित हो रहा है। पूरे विश्व में
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Read Moreमनुष्य जीवन में प्राणी का संतोषी होना अत्यन्त आवश्यक है। आइए इसे एक छोटी-सी कहानी से समझते हैंः- एक समय
Read Moreमेरे घर के पास वाले मकान में बाबूलालजी शर्मा का मकान था। वे बहुत ही सरल एवं भले व्यक्ति थे।
Read Moreजीवन में सुख-दुःख का चक्र तो प्रायः चलता ही रहता है, यह कोई बड़ी एवं महत्त्वपूर्ण बात नहीं है। महत्त्वपूर्ण
Read Moreआज का दौर स्पार्ट फोन का है, जिसमें बच्चों के मनोरंजन के लिए न जाने कितने ही खेल होते हैं,
Read Moreप्रत्येक वस्तु के स्वयं का अपना एक अलग ही महत्त्व होता है। लेकिन उसका महत्त्व प्रायः स्थाई एवं उत्तम नहीं
Read Moreविचार व्यक्ति के आन्तरिक व्यक्तित्व का सूचक है। विचार तो सिर्फ हवा के झौंके का कार्य करता है। यदि कहीं
Read Moreजीवन में आज संस्कार, सहनषीलता व आत्मीयता इन सभी आत्मगुणों में निरन्तर कमी आ रही है। व्यक्ति अन्दर-ही-अन्दर से टूट
Read Moreज्ञान एक दर्पण है, जिसमें आत्मा, अनात्मा, जड़ और चेतन सभी कुछ प्रतिबिम्बित हो सकता है। आप और हम दर्पण
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