लुप्त होने के कगार पर कठपुतली और ऊंट
‘बाबू मोशाय, हम सब तो रंगमंच की कठपुतलियां हैं जिसकी डोर ऊपर वाले के हाथ में है, कौन कब कहां
Read More‘बाबू मोशाय, हम सब तो रंगमंच की कठपुतलियां हैं जिसकी डोर ऊपर वाले के हाथ में है, कौन कब कहां
Read Moreसमाज में जब भी कोई दुष्कर्म की लोमहर्षक घटना प्रकाश में आती है तो उसके लिए कठोर सजा के प्रावधान
Read Moreहाल ही में छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में स्थित आईटीबीपी कैंप में एक जवान द्वारा की गई अंधाधुंध फायरिंग से
Read More” ये मेरी सारी उम्मीदें मुझे कहाँ ले कर जाती हैं , मुझ से मिलाने को मुझ ही से जुदा
Read Moreकिस भी कार्य को सम्पादित करने में जो तथ्य सबसे महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है,वह है-रुचि। यदि आपकी रुचि संगीत
Read Moreअमूमन सेक्स और जेंडर को हमारे समाज में एक दूसरे के पर्याय के रूप में देखा जाता है ,कित्नु यह
Read Moreसमाज का ऐसा कोई वर्ग नहीं है जो कभी न कभी, किसी न किसी रूप में साहित्य के किसी न
Read Moreआज सुबह जब मेरी नींद खुली तमाम न्यूज चैनलों पर प्रियंका रेड्डी का अफसोस मनाते लोग दिखे फेसबुक पर भी
Read Moreजंगलराज से आदमराज में परिणत होती हुई दुनिया स्त्रियों को गौड़ बनाकर पुरुष प्रधान हो गई। समाज और धर्म के
Read Moreसामाजिक व्यवसाथा में जुर्म का कोई स्थान नही है चाहे वह किसी प्रकार का क्यूँ न हो?सभी जुर्म के लिए
Read More