आर्यसमाज का सार्वभौमिक कल्याणकारी लक्ष्य एवं उसकी पूर्ति में बाधायें
आर्य समाज का उद्देश्य संसार में ईश्वर प्रदत्त वेदों के ज्ञान का प्रचार व प्रसार है। यह इस कारण कि
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Read Moreमहर्षि दयानन्द ने मुख्यतः वेद प्रचार के लिए ही आर्यसमाज की स्थापना की थी। यह बातें गौण हैं कि यह
Read Moreकाफी दिनों से पढ़-पढ़ कर पक गया हूँ… आखिर अब फूटने का वक़्त आ गया है… प्रश्न-धर्म आखिर है क्या?
Read Moreयदि वेद न होते तो संसार के मनुष्यों को यह कदापि ज्ञान न होता कि मनुष्य कौन व क्या है?
Read Moreमहात्मा बुद्ध को उनके अनुयायी ईश्वर में विश्वास न रखने वाला नास्तिक मानते हैं। इस सम्बन्ध में आर्यजगत के एक
Read Moreगीत-संगीत..मानवमन को शांति देने के दो ऐसे साधन जो कभी निष्फल नहीं जाते. गीत अथवा संगीत रचने, सुनने का अपना
Read Moreनिराशाजनक वातावरण के युग में पूरे समाज में शांति, भाईचारे, प्रेम व एकता का संदेश देने वाले भगवान बुद्ध को
Read Moreश्री बंकिम चंद्र चटर्जी जी की लिखी कालजयी रचना ‘ आन्नद मठ ‘ जिसमें लिखा वन्देमातरम गाने से हर भारतीय
Read Moreबौद्ध मत के प्रवर्तक महात्मा बुद्ध के बारे में यह माना जाता है कि वह आर्य मत वा वैदिक धर्म
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