प्रखरतम वक्ता
आमने-सामने 27 बार सुना है मैंने, भारत के दूसरा विक्रमादित्य अटल बिहारी वाजपेयी को । मंदिर से आती शंख-ध्वनि, मस्ज़िद
Read Moreआमने-सामने 27 बार सुना है मैंने, भारत के दूसरा विक्रमादित्य अटल बिहारी वाजपेयी को । मंदिर से आती शंख-ध्वनि, मस्ज़िद
Read Moreकुछ बातें प्रकट होने पर भी हमारे ध्यान में नहीं आतीं और हम हम उनकी उपेक्षा करते जाते हैं और
Read Moreकविता ‘सर कटा सकते हैं लेकिन, सर झुका सकते नहीं’ के कवि स्व. शकील बदायूनी जी ने सर्वश्रेष्ठ लिखा है-
Read More‘मेरे देश की संसद, इसपर मौन है’ यह कविता सुप्रसिद्ध कवि स्व. सुदामा पांडे ‘धूमिल’ की है, यथा- “एक आदमी
Read Moreस्वतंत्रता दिवस के सुअवसर पर सुश्री स्वर्णलता विश्वफूल की कविता ‘वीर शहीद’ तो पढ़िये- “वतन पे मरनेवालों…. तेरा यही निशाँ
Read Moreहिंदी साहित्यकार “गोपाल सिंह नेपाली” के जन्मदिवस पर सादर नमन ! हिंदी और नेपाली भाषा के साहित्यकार गोपाल बहादुर सिंह,
Read Moreअक्सर हम कई के बारे में सोचते हैं, कई पहलुओं पर सोचते हैं, अर्थात यह भी कि- “यह कानून बना
Read Moreआचार्य शिवपूजन सहाय के जन्मदिवस पर सादर नमन ! दुनिया को ‘आँचलिकता’ से रूबरू करानेवाले हिंदी के पहले उपन्यासकार शिवपूजन
Read Moreभारतीय मूल के ‘वी एस नायपॉल’ भारत के हितैषी नहीं थे ! जब नीरद सी. चौधुरी का देहावसान हुआ था,
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