पूर्वोत्तर का दर्द (कहानी संग्रह)
समीक्ष्य कृति: पूर्वोत्तर का दर्द ( कहानी संग्रह)लेखक : चितरंजन लाल भारतीप्रकाशक: यशराज पब्लिकेशन, पटना-04मूल्य: ₹ 400/ सजिल्दपूर्वोत्तर का दर्द:
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Read Moreसमीक्ष्य कृति -सारंग कुंडलियाँकवि- प्रदीप सारंगप्रकाशक- अवध भारती प्रकाशन,बाराबंकी ,उ प्रप्रथम संस्करण -2022 ( पेपरबैक)सारंग – कुंडलियाँ: ‘क्षेत्रीय बोली में
Read Moreवास्तव में भावों का और विचारों का प्रतिपादन कौशल ही कवि की अभिव्यंजना शक्ति का परिचायक बन कर उसे शब्द
Read Moreहिन्दी को हर तरह से समृद्ध करके उसे शक्तिशाली भाषा बनाने और उसके माध्यम से इस विशाल और भिन्न-भिन्न संस्कृतियों
Read Moreतुलसीदासजी ने कहा है कि ‘रामहि केवल प्रेम पियारा’। राम को केवल प्रेम प्यारा लगता है और राम का प्रेम
Read Moreभाषा मानव सभ्यता की जननी है। भाषा के बिना मानव अधुरा है। भाषा के बिना मानव का विकास संभव नहीं
Read Moreआज हर क्षेत्र में हम बढ़ रहे हैं, किन्तु चरित्र के मामले गिरते जा रहे हैं। आज पढ़े-लिखे ही नित
Read Moreअगर इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के मुक्तक रचना की बात करें तो साहित्य क्षेत्र में मुक्तक सम्राट राम कैलाश पाल प्रयागी
Read Moreभाषा से ही एक राष्ट्र, साहित्य, समाज और संस्कृति और संस्कार का पता चलता है। भाषा इंसान की संजीवनी। इसलिए
Read More“साहित्य में समाज प्रतिबिंबित होता है। तत्कालीन सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक परिस्थितियों के अनुरूप ही किसी काल के साहित्य
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