भाषा-साहित्य

देश में पहली बार हिंदी में चिकित्सा शिक्षा (MBBS) के पाठ्यक्रम का शुभारंभ

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने 16 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के भोपाल में देश में पहली बार हिंदी में चिकित्सा शिक्षा (MBBS) के पाठ्यक्रम का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने नई शिक्षा नीति में प्राथमिक, टेक्निकल और मेडिकल शिक्षा में मातृभाषा को महत्व देकर बहुत बड़ा ऐतिहासिक निर्णय […]

भाषा-साहित्य

भारत नाम और भारतीय भाषाओं के लिए जंतर-मंतर पर हुंकार !

‘वैश्विक हिंदी सम्मेलन’ और ‘जनता की आवाज फाउंडेशन’ द्वारा भारत के नाम और भारतीय भाषाओं से संबंधित विषयों पर देश के विभिन्न प्रदेशों हिंदी व अन्य भारतीय भाषाओं से संबंधित पचासी सामाजिक साहित्यिक भाषा व अन्य व्यवस्थाओं से जुड़ी संस्थाओं के समर्थन एवं सहयोग से एक दिवसीय जागृति अभियान एवं धरने का आयोजन किया गया। […]

भाषा-साहित्य

भारतीय साहित्य की वैश्विक गूंज

भारत एक धर्मनिरपेक्ष, सबसे बड़ा लोकतंत्र और आदि अनादि काल से ही साहित्य की सबसे पुरानी या प्रारंभिक कृतियां मौखिक रूप से प्रेषित थी।साथियों हम अगर साहित्य, संस्कृति के इतिहास में जाएं तो हमें पता पता चलेगा कि, भारतीय साहित्य की सबसे पुरानी या प्रारंभिक कृतियाँ मौखिक रूप से प्रेषित थीं।संस्कृत साहित्य की शुरुआत होती […]

भाषा-साहित्य

अत्याधुनिकता की खाज और हिंदी

हिंदी एक संस्कृति है। भारतीयता के संस्कार का नाम हिंदी है। कालांतर में उसने एक बोली, भाषा और साहित्य के उच्च स्थान को प्राप्त कर लिया है। वैदिक भाषा ‘छांदस’ से लेकर संस्कृत, पालि, प्राकृत और अपभ्रंश के अनेक सोपानों को पार करती हुई यह ‘हिंदी’ के वर्तमान स्वरूप को प्राप्त हुई है। हिंदी की […]

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हिन्दी

सम्पूर्ण विश्व के विद्वानों ने कालान्तर से ही हिंदी के महत्त्व और महत्ता को स्वीकारा है। यह हमारी विडम्बना ही कही जायेगी कि सम्पूर्ण विश्व में भारत की राष्ट्र भाषा के रूप में हिंदी का ही नाम लिया जाता है मगर अपने ही देश में आज़ादी के 75 वर्ष बाद भी हिंदी राजभाषा के पद […]

भाषा-साहित्य

दुनिया में बढ़ती हिंदी, आसमान को छूती हिंदी

भाषा समाज की पूंजी है जो निरंतर प्रवाह मान के साथ अपनी संस्कृति और संस्कारों की सदा संवाहक होती है। भाषा जनमानस की अभिव्यक्ति का सबसे सशक्त माध्यम है। भाषा लोक साहित्य की प्रिय और सरल अभिव्यक्ति है ।साहित्य परंपरा के लिए भाषा बेजोड़ अभिव्यक्ति है। भाषा के बिना समाज अधूरा और व्यक्ति अंधे के […]

भाषा-साहित्य

विवेकानन्द आज भी प्रासंगिक- इनकी “राष्ट्र भाषा के प्रति निष्ठा वंदनीय है

हिंदी भाषा जो हमारे देश के जन-जन की भाषा बनी हुई है जो पूरे विश्व मे तीसरी सबसे बड़ी भाषा के रूप जानी जाती है जिसको हिंदुस्तान का धड़कन माना जाता है, जिसने हमारे हिंदुस्तान के निवासियों की पहचान बनाई है, जिसने हमारे देश को पूरे विश्व में  ज्ञान,विज्ञान,धर्म-आस्था-भक्ति-वैराग्य और जोतिष,कला,मन्त्र-तंत्र-यंत्र के क्षेत्र में गुरु […]

भाषा-साहित्य

सम्बोधन का सही रूप

कई धुरन्धर लेखक और वक्ता भी सम्बोधन शब्दों में अनुस्वार का अनावश्यक और गलत उपयोग कर जाते हैं, जैसे- प्यारे मित्रों, प्रिय विद्यार्थियों, माताओं आदि। ये सभी प्रयोग गलत हैं। हमारे माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी प्रायः गलत सम्बोधन करते हैं और लोग उसको सही मान लेते हैं। मोदी जी को हिन्दी व्याकरण का पर्याप्त ज्ञान […]

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हिंदी वर्ण माला के अक्षर ‘र’ की अनोखी अदा- जादुई गिरगिट

‘ढाई आखर प्रेम के’ में आधा अक्षर कौन सा है? वैसे तो सबको ऊपरी तौर पर देखने से लगता है कि र आधा है और प पूरा किन्तु गौर करने पर पता चलता है कि प आधा है और र पूरा। यानी व्यंजन प् में स्वर अ नहीं जुड़ा है। हिंदी अक्षरों में र संभवतः […]

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हिंदी भाषा की खूबसूरती

हम बचपन से ही एक पहेली सुनते आ रहे हैं- “घोड़ा अड़ा क्यों? प्याज सड़ा क्यों?” उत्तर है- फेरा न था. एक ज़माना था जब फ्रिज नहीं थे, फिर भी घर में सामान थोक में आता था. गर्मियों में आम खिड़की पर लाइन बनाकर रखे जाते थे और जो आम थोड़ा ढीला पड़ने लगता था, […]