साफी, दातुन और सत्तू
हर व्यक्ति को रोज बैठकर ‘पोंछे’ (साफी) लगाने चाहिए, चलते हुए ब्रश (दातुन या दतवन) करने चाहिए और रोज नाश्ते
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Read Moreअनंत चतुर्दशी पर सभी नर-नारी को शुभकामनाएं ! अमृत और विष समुद्र-मंथन से प्राप्त हुए थे ! इस अमृत को
Read More”हम कितने असहिष्णु हो गए हैं ?” हम कहाँ जा रहे हैं ? जब स्वच्छन्दतावश कोई बालिग़ लड़की कुँवारी माँ
Read Moreबाजार के दर्शन की इच्छा उसी को रखनी चाहिए जिसके पास क्रय शक्ति और आवश्यकता में तालमेल बनाए रखने का
Read Moreअगर आप में सेवा की भावना नहीं है, अगर आप दूसरे के प्रति मनभेद पालते हैं, तो यह कैसी आस्तिकता
Read Moreहमारे क्षेत्र में भाद्रपद शुक्ल एकादशी को लोक पर्व ‘करमा-धर्मा’ मनाए जाते हैं, जो कुंवारी संतान करते हैं, जिनमें बहन
Read Moreमैंने ऐसी कथित मंगलव्रती और गुरुवारव्रती महिला को जानता हूँ, जो सास-ससुर को भूल रंगून से आये बैलून वाले पिया
Read Moreयह कैसी आस्तिकता है, भाई ! सावन भर मुर्गी-मछली या लहसून-प्याज नहीं खाये, किन्तु जैसे ही सावन पूर्णिमा खत्म हुई
Read Moreजब हमारा संविधान इंग्लिश यानी अंग्रेजी में है, तो हिंदी को राष्ट्रभाषा समझना हमारा सनकपन है ! भारतीय संविधान में
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