कविताक्षणिकागीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 24/02/2016 चंद शेर आपके लिए, मदन मोहन सक्सेना चंद शेर आपके लिए चंद शेर आपके लिए एक। दर्द मुझसे मिलकर अब मुस्कराता है जब दर्द को दबा जानकार पिया मैंने दो. वक्त Read More