मुक्तक (सब अपनी अपनी किस्मत को ले लेकर खूब रोते हैं)
रोता नहीं है कोई भी किसी और के लिए सब अपनी अपनी किस्मत को ले लेकर खूब रोते हैं प्यार
Read Moreरोता नहीं है कोई भी किसी और के लिए सब अपनी अपनी किस्मत को ले लेकर खूब रोते हैं प्यार
Read Moreदर्द को अपने से कभी रुखसत ना कीजिये क्योंकि दर्द का सहारा तो जीने के लिए है पी करके मर्जे
Read Moreकृष्ण जन्माष्टमी बिशेष अब तो आ कान्हा जाओ, इस धरती पर सब त्रस्त हुए दुःख सहने को भक्त तुम्हारे आज
Read Moreअपनी जिंदगी गुजारी है ख्बाबों के ही साये में ख्बाबों में तो अरमानों के जाने कितने मेले हैं भुला पायेंगें
Read Moreराखी का त्यौहार आ ही गया ,इस त्यौहार को मनाने के लिए या कहिये की मुनाफा कमाने के लिए समाज
Read Moreगंगा यमुना सी नदियाँ हैं जो देश का मन बढ़ाती हैं सीता सावित्री सी देवी जो आज भी पूजी जाती
Read Moreगज़ब हैं रंग जीबन के गजब किस्से लगा करते जबानी जब कदम चूमे बचपन छूट जाता है बंगला ,कार, ओहदे
Read Moreआ गया राखी का पर्ब राखी का त्यौहार आ ही गया ,इस त्यौहार को मनाने के लिए या कहिये की
Read Moreसजा क्या खूब मिलती है किसी से दिल लगाने की तन्हाई की महफ़िल में आदत हो गयी गाने की हर
Read Moreकुछ इस तरह से हमने अपनी जिंदगी गुजारी है जीने की तमन्ना है न मौत हमको प्यारी है लाचारी का
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