गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 04/03/2016 मदन मोहन सक्सेना, वक्त बक्त की बात (मेरे नौ शेर ) वक्त बक्त की बात (मेरे नौ शेर ) (एक ) अपने थे , वक़्त भी था , वक़्त वह और था यारों वक़्त पर भी नहीं अपने बस Read More