बाल कविता

चुन्नू मुन्नू…

सुनों चुन्नू सुनों मुन्नू
नानी का बुलावा आया हैं
नानी के घर जाना हैं
जल्दी सें तैयार हो जाओ
गृहकार्य भी पूरा कर लो
चुन्नू मुन्नू खुशी सें
उछल कूँद करनें लगें
जल्दी चलों जल्दी चलो
अपनी मॉ से कहने लगें
नानी घर पहूँचे चुन्नू मुन्नू
नाना नानी को प्रणाम किये
नानी ने गलें लगाकर
प्यार सें गोंद में बैठाकर
खाने को ढेरों लड्डु दी
मेरे प्यारे मेरे दुलारें
मेरे बगियों के रखवारें
आज आयें तुम मेरे घर
जैसें आसमां से चॉद सितारें आयें|
निवेदिता चतुर्वेदी

निवेदिता चतुर्वेदी

बी.एसी. शौक ---- लेखन पता --चेनारी ,सासाराम ,रोहतास ,बिहार , ८२११०४