हाइकु/सेदोका

चंद हाइकु

जब तक  हम अपनी सहन शक्ति का प्रदर्शन करते रहेंगे तब तक  मेरे ये हाइकु ज़िंदा रहेंगे —
1
भारत वासी
शान्ति के पुजारी हैं
रहेंगे चुप
      2
ज़ुल्म सहना
हमारी आदत है
ढाते रहो जी
   3
आतंकी बाज़
कर गए शिकार
कबूतर का
    4
हाथ मिलाया
दोस्ती का जब जब
चुभन हुई
**** नमिता राकेश 

7 thoughts on “चंद हाइकु

  • लीला तिवानी

    प्रिय सखी नमिता जी, बहुत सुंदर.

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत बहुत सुन्दर हाइकु.

    • नमिता राकेश

      धन्यवाद विजय जी

  • राज किशोर मिश्र 'राज'

    सुंदर प्रयास

    • नमिता राकेश

      धन्यवाद राज किशोर जी

    • नमिता राकेश

      Tधन्यवाद रमेश जी। देश की चुप्पी पर मन खिन्न है। सहने की कोई पराकाष्ठा होती है क्या?
      हम तो बस अपनी कलम ही चला सकते हैं। जिनके हाथ में ताकत है वो चुप क्यों हैं, देश के गद्दारों को सज़ा क्यों नहीं देते?

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