गीत/नवगीत

श्रृंगार

आज के विषय पर लावणी छन्द पर आधारित मेरा प्रयास

कैसे भाए चूडी कंगन अरू माथे की बिंदीया ।

बिन साजन में तडपू ऐसे जैसे पिंजडे में चिडिया ।

याद तुम्हें जब मैं करती वो हिचकी आती तो होगी ।

अश्रु संग बहती कजरे की धार बुलाती तो होगी ।

हार गले का ऐसे लगता जैसे फांसी का फंदा ।

किस्मत ने दूर किया हमको खेला खेल बडा गन्दा ।

जब जब तेरी नजर पडे तो चमके ये मेरा टीका ।

लेकिन तुम जो साथ नहीं तो है जीवन मेरा फीका ।

पैरों में बजती पायल इस दिल में आग लगाती है ।

तुम संग बीते हैं जो पल उनकी झनकार सुनाती है ।

अनुपमा दीक्षित मयंक

अनुपमा दीक्षित भारद्वाज

नाम - अनुपमा दीक्षित भारद्वाज पिता - जय प्रकाश दीक्षित पता - एल.आइ.जी. ७२७ सेक्टर डी कालिन्दी बिहार जिला - आगरा उ.प्र. पिन - २८२००६ जन्म तिथि - ०९/०४/१९९२ मो.- ७५३५०९४११९ सम्प्रति - स्वतंत्र लेखन छन्दयुक्त एवं छन्दबद्ध रचनाएं देश विदेश के प्रतिष्ठित समाचार पत्रो एवं पत्रिकाओ मे रचनाएं प्रकाशित। शिक्षा - परास्नातक ( बीज विग्यान एवं प्रोद्योगिकी ) बी. एड ईमेल - adixit973@gmail.com