आज अमावस की रात
करो न इंतज़ार ,आज अमावस की रात, अपने चाँद का…… आज वह नही उतरेगा,ले संग अपने चाँदनी को फलक में
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Read Moreओ३म् यह समस्त संसार या ब्रह्माण्ड किसने बनाया और कौन इस संसार और मनुष्यों सहित सभी प्राणियों का जन्मदाता, रक्षक
Read Moreसधे हुए हाथों से कुम्हार मिट्टी के दीए बनाए ! बिक जाएँ जब दीप सभी घर चुल्हा उसके जल जाए
Read Moreरौशनी के त्यौहार में हम दीपों की अवली जलाएँ ! कुछ खुशियाँ और मुस्कान चलो बुझे चेहरों को हम दे
Read Moreसमस्त साहित्यकार मित्रों को दीपावली के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ ======================================== जयकारी लिख छ्न्द पुनीत ,
Read Moreदिये की रौशनी में अंधेरों को भागते देखा अपनी खुशियों के लिए बचपन को रुलाते देखा। दीवाली की खुशियां होती
Read Moreमैं कैसे मनाऊँ दिवाली? जब वो खेल रहे है होली! मैं कैसे पटाख़े जलाऊँ? जब वो खून से बना रहे
Read Moreछ्न्द शशि की कला । धर्मे की करबला । सोच कितनी सहज। दूर क्यों तू चला । राजकिशोर मिश्र ‘राज’
Read Moreचाँद सूरज ज़मीं पे उतर आए हैं। देख साहब यहाँ मन निखर आए हैं । राज वंदन करे चन्द शब्दों
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