मुक्तक/दोहा

हमीद के दोहे

अब मत हरगिज़ ढूढिये, पहले वाली बात।
चाल चलन बदले सभी,बदल गये हालात।
ख़ुद्दारी  को  भूलकर , करते  हैं  फरियाद।
करने में  कुछ भी  नया, नानी आती  याद।
बुझी बुझी है ज़िन्दगी,लाये कुछ जो ओज।
पूरी  शिद्दत  से  उसे, आज  रहे  हैं  खोज।
कैसे  भी  हालात  हों, करिये  नित  संघर्ष।
इसकेबिन मुमकिन नहीं,मानवका उत्कर्ष।
सभी दिखावा कररहे, दिलसे करें न काम।
मिशनविज़न सबखेल हैं,सभीचाहते नाम।
— अब्दुल हमीद इदरीसी

*हमीद कानपुरी

पूरा नाम - अब्दुल हमीद इदरीसी वरिष्ठ प्रबन्धक, सेवानिवृत पंजाब नेशनल बैंक 179, मीरपुर. कैण्ट,कानपुर - 208004 ईमेल - ahidrisi1005@gmail.com मो. 9795772415