मूक श्राप
“अरे पिंटू ये तंबाकू बेचना छोड़ दे.” दादी मां कहतीं. कहने दो, पिंटू ना माने. “बेटा, तंबाकू खाने वाले व्यक्ति
Read Moreआओ चुन्नू-मुन्नू-गुल्लू, मिल-जुलकर हम वृक्ष लगाएं, वृक्ष हमारे जीवनदाता, इनसे हम निज नेह लगाएं. ऑक्सीजन इनसे है मिलती, सब्जी-फूल-फल-औषधि देते,
Read Moreबिहार में मौत बनकर नाचती शराब, औरंगाबाद और गया में मातम, 3 दिन में 13 परिवार बेसहारा बिहार के औरंगाबाद
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