महामहोपाध्याय आर्यमुनि और उनका प्रमाणिक वैदिक साहित्य
ओ३म् पं. आर्यमुनि (जन्म 1862) का आर्यसमाज के इतिहास में गौरवपूर्ण स्थान है। आर्यसमाज की नई पीढ़ी के अधिकांश लोग
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Read Moreओ३म् डा. रामनाथ वेदालंकार जी वेदों के प्रसिद्ध विद्वान थे। अनेक विद्वानों के श्रीमुख से हमने उनके लिए वेदमूर्ति सम्बोधन
Read Moreओ३म् ऋषि दयानन्द का पं. लेखराम रचित जीवन चरित पढ़ते समय एक बार हमारी दृष्टि में यह तथ्य आया कि
Read Moreओ३म् वेद को पढ़ना पढ़ाना चाहिए वेद को सुनना सुनाना चाहिए।। वेद के अनुकूल हो हे आर्यों आचरण अपना बनाना
Read Moreओ३म् महर्षि दयानन्द ने वेद प्रचार की अपनी यात्राओं में बंगाल वा कोलकत्ता को भी सम्मिलित किया था। वह राष्ट्रकवि
Read Moreओ३म् आज आर्य धर्म व संस्कृति के महान आदर्श आजन्म ब्रह्मचारी महावीर हनुमान जी की जयन्ती है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री
Read Moreओ३म् बन्धुओं दुःख सिंधु से यह देश नैया पार हो। आर्यों की वृद्धि हो यदि शुद्धि का विस्तार हो।। शुद्धि
Read Moreओ३म् वेद ईश्वरीय ज्ञान है जो ईश्वर ने सृष्टि की आदि में चार ऋषियों अग्नि, वायु आदित्य व अंगिरा को
Read Moreओ३म् महर्षि दयानन्द ने गुरु विरजानन्द से आर्ष ज्ञान व शिक्षा का अध्ययन कर संसार से अज्ञानान्धकार वा धार्मिक तिमिर
Read Moreओ३म् प्रत्येक बनी हुई व बनने वाली जड़-जन्तु सामग्री का काई न कोई उद्देश्य अवश्य होता है। यदि उद्देश्य न
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