ग़ज़ल
पीठ पीछे करने को चर्चा सजी महफ़िल। रिवाज सा है हो गया लोगों में आजकल। अपने और पराये का कोई
Read Moreमत काट मत काट विनती कर जोड़ करूँ। तेरे काम आता हूँ तेरे हर दुख दर्द मैं हरूँ। तेरे बुजु़र्गों
Read Moreमन होश रहे,तन जोश रहे,रोक नहीं राह कोई सकता। बल तन में, विश्वास मन में,रोक नहीं राह कोई सकता। होश
Read Moreयह युद्ध है, यह युद्ध है। राष्ट्र के महानायक की। विनय करूणा दायक की। जनता के प्रतिपालक की। ललकार उस
Read Moreमैं लिखता हूँ बिकता नहीं, चट्टान के आगे रूकता नहीं। जो करते वायदे झूठे हैं, मेरा शब्द उन पर थूकता
Read Moreहोली की मस्त बहार,रंग बरसाने दो। रंग दूँ रंग मैं लाल, पास तो आने दो। गोरी ओढ़ी लाल चुनरिया। काले
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