बचपन के खेल
बन्द हुए स्कूल गली में बच्चे खेले खेल। आगे पीछे दौड़ रहे है छुक छुक करती रेल। भरी दुपहरी तपती
Read Moreबन्द हुए स्कूल गली में बच्चे खेले खेल। आगे पीछे दौड़ रहे है छुक छुक करती रेल। भरी दुपहरी तपती
Read Moreमां बस एक मिठास है प्यारा-सा अहसास है, मां-सा करीब न कोई होता, आनंद का आभास है. मैं शिप, शिप
Read Moreसुनो भैया आइसक्रीम वाले रोज क्यो नही बेचने आते इस भीषण गर्मी को मैं कैसे सहता हूं मै ही जानूं
Read Moreमाँ को नमन करते हुए! — उँगली पकड़ हमारी माता, चलना हमें सिखाती है!! दुनिया में अस्तित्व हमारा, माँ के
Read Moreमित्रों…! गर्मी अपने पूरे यौवन पर है। ऐसे में मेरी यह बालरचना आपको जरूर सुकून देगी! पिकनिक करने का मन
Read More(बाल काव्य सुमन संग्रह से) ‘क’ कबूतर पक्षी प्यारा, गुटरु-गूं से लगता न्यारा. ‘ख’ खरगोश सफेद रुई-सा, छूने से
Read More(बाल काव्य सुमन संग्रह से) माता मेरी सबसे प्यारी, सारे जग से है वह न्यारी, दुनिया में प्यारी मां
Read More(बाल काव्य सुमन संग्रह से) चौराहे की बत्तियां तीन, गुण भी इनके गिन लो तीन, अलग-अलग रंगों वाली ये, देती
Read More(बाल काव्य सुमन संग्रह से) ‘अ’ अनार से ताकत पाओ, ‘आ’ आम मज़े से खाओ. ‘इ’ इमली खट्टी होती
Read More