गाय
मां सबकी कहलाने वाली, गाय बड़ी है भोली-भाली, चाहे जो भी घास-फूस दो, चुपके-से है खाने वाली. बछड़ा देख खुशी
Read Moreलिली का मैं फूल हूं, कीप के जैसा दिखता हूं, अपनी सुगंध, सुंदरता के चर्चे, मैं नित सुनता रहता हूं.
Read Moreगर्मी आई ! गर्मी आई!! स्वाद भरी सौगातें लाई। बाड़ी में महके- ख़रबूज़े। लाल शहद – से हैं तरबूजे।। खीरा
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