एक ईश्वर अनेक नामों से जाने जाते हैं
मोहन नाम का एक व्यक्ति दूरबीन लेकर लोगों को तमाशा दिखाया करता था। एक दिन मोहन ने देखा कि एक
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Read Moreओ३म् ईश्वर व जीवात्मा दो पृथक पृथक चेतन सत्तायें हैं। दोनों ही अनादि, नित्य, अनुत्पन्न, अविनाशी, अमर, ज्ञान व
Read Moreओ३म् टंकारा निवासी वयोवृद्ध श्री दयाल मुनि जी महर्षि दयानन्द रचित वैदिक साहित्य के उच्च कोटि के विद्वान एवं
Read Moreओ३म् यजुर्वेद 40/15 मंत्र और उसका ऋषि भक्त स्वामी अच्युतानन्द सरस्वती कृत पदार्थः वायुरनिलममृतमथेदं भस्मान्तंशरीरम्। ओ३म् क्रतो स्मर क्लिबे
Read Moreओ३म् सृष्टि के आरम्भ से आज तक संसार में सहस्रों व इससे कहीं अधिक महापुरुष, धर्म प्रचारक-संस्थापक, ऋषि-मुनि आदि
Read Moreओ३म् संसार में कुछ सहस्र वर्ष पूर्व कई महापुरुषों द्वारा चलाये गये अनेक मत, पन्थ व सम्प्रदाय अस्तित्व में
Read Moreओ३म् प्राचीन काल में भारत में मांसाहार नहीं होता था। महाभारतकाल तक भारत की व्यवस्था ऋषि मुनियों की सम्मति से
Read Moreओ३म् स्वामी इन्द्रवेश जी की दसवीं पुण्य तिथि पर हम 12 जून, 2016 को स्वामी इन्द्रवेश विद्यापीठ, टिटौली, रोहतक में
Read Moreओ३म् देश व देशवासियों की उन्नति का प्रमुख आधार क्या है। इसका उत्तर हमें ऋग्वेद के मन्त्र संख्या 1/13/9
Read Moreओ३म् -स्वामी इन्द्रवेश जी की दसवीं पुण्य तिथि के उपलक्ष्य में- कुछ दिन पूर्व हमें स्वामी इन्द्रवेश विद्यापीठ (आश्रम), टिटौली-रोहतक
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