अपनी वास्तविक इच्छाओं को जांचे और परखे
इच्छा, आकांक्षा मनुष्य की प्रेरणा स्त्रोत है इच्छाएं है तो मनुष्य कर्म की और अग्रसर होता है | इच्छाएं नया
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Read Moreविभाजन के समय आंतकवादियों पर कड़ाई और जरूरतमंदों का सहयोग करने से बच्चू सिंह की लोकप्रियता बढ़ती गई, इससे नेहरू
Read Moreआज के दौर की सामाजिक स्थिति को देखकर लगता है। क्या आज़ादी बाद चुनाव मात्र सिंहासन बदलने भर की रवायत
Read Moreकैसा समाज बना रहें हैं। जिसमें न दुर्गा स्वरूपा मां सुरक्षित है, न कन्यापूजन के लिए घर हर घर में
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Read Moreआंकड़े सिर्फ आहट की दस्तक़ नहीं देते, बल्कि सच्चाई से रूबरू कराते हैं। देश में लिंग-अनुपात के लगातार कम होने
Read Moreआजादी के सात दशक गुजरने के बाद भी अनगिनत देशवासी रोटी, कपड़ा और मकान की जद्दोजहद में हैं। कुछ इतने
Read Moreवैसे तो भारत एक लोकतांत्रिक देश है। अगर परिभाषा की बात की जाए तो यहाँ जनता के द्वारा जनता के
Read Moreशिक्षक का उत्तरदायित्व क्या होता है। अगर हमारी रहनुमाई व्यवस्था आज तक तय नहीं कर पाई। तो इससे शर्मिंदगी की
Read Moreजीवन की पहली आवयश्कता भोजन और दूसरी दवा होती है। फ़िर कोई अन्य जरूरते। किसी संपन्न और खुशहाल प्रदेश के
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