सामाजिक

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लेख– कतार में ख़ड़े बेरोजगारों के बारे में कब सोचेंगी रहनुमाई व्यवस्था

पकौड़े तलना ही शायद देश के पढ़े-लिखें एक बड़े हिस्से का दस्तूर बनता जा रहा। ऐसा इसलिए क्योंकि आज डिग्री

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झूठ का बोलबाला है

आपके यदि एक भी दुश्मन नहीं हैं तो आप दिल जीतने में माहिर नहीं बल्कि झूठ बोलने में माहिर हैं ! क्युकिं झूठ पर बनी दुनिया को सच की हथोडी से मारना, बेहद मुश्किल काम है ! सच को सामने लाने

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लेख– पर्यावरण संरक्षण क्यों देश का चुनावी मुद्दा नहीं बनता!

कुछ मुद्दे ऐसे हैं, जिस पर लोकतांत्रिक व्यवस्था विचार-विमर्श करने का समय नहीं निकाल पाती। यह सबसे बड़े दुर्भाग्य की

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लेख– महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध के कारण शर्मसार होती मानवता

बलात्कार एक संगीन अपराध है, लेकिन सिर्फ़ यही एक ज़ुल्म नहीं। जो पितृसत्तात्मक समाज में आदमी स्त्री समाज के साथ

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लेख– क्रिकेट के अलावा देश में दूसरे खेलों को भी प्रोत्साहन मिलना आवश्यक

युवा भारत और महिलाओं की गूंज आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में बंपर ऑफर के साथ दिखी, क्योंकि इस बार राष्ट्रमंडल

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ब्लॉग/परिचर्चाराजनीतिलेखसामाजिक

दुष्कर्म, दुष्कर्म और क्रूरतम हत्या

हममे से काफी लोगों ने रेडियो मिर्ची के नावेद के उस ऑडियो को सुना होगा, जिसमे वह एक गायनेकोलॉजिस्ट डॉ.

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