लघु कथा – जेंडर समानता
कमलाकर – “मानवाधिकारों की पैरोकार संस्था विश्व आर्थिक संगठन के अनुसार दुनियाभर की महिलाएं करोड़ों घंटे बिना पैसों के घर
Read Moreकमलाकर – “मानवाधिकारों की पैरोकार संस्था विश्व आर्थिक संगठन के अनुसार दुनियाभर की महिलाएं करोड़ों घंटे बिना पैसों के घर
Read Moreआखिर कब तक आधी आबादी को यूँ लाचार होकर जीना पडेगा घर आने में बच्चियों को जरा देर हो जाने
Read Moreअंतरिक्ष पर बने शहर में पहली बार मेला आयोजित किया गया था। बीटा एलियन जरा कपड़े का फटका तेज चला
Read Moreअलीपुर गांव में बिस्सू नामक एक किसान रहता था। उसके पास बारह सौ बीघा जमीन थी। जिस पर खेती करके वह अपने
Read Moreअंगुली में लपेटे धागों से नचा रहा मैं हर प्राणी को महलों में स्वप्न दिखाता कभी झोंपड़ी में तड़पता राजा
Read Moreतुम्हारे शब्दों की सीढ़ी चढ़ते चढ़ते उसे मिला जल का एक मीठा दरिया सुकून वाला हरा-भरा जंगल चिकने पत्तों वाले
Read Moreजरा कल्पना करें.. हमारी, आपकी दुनिया में मनोरम् पार्क में, फूलों की बगिया में खूब रंग-विरंगे आकर्षक फूल खिले हों,
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