राख हथेली पर
क्यों? राख हथेली पर रखूँ सवाल करूँ हल्के फुल्के उलझे अपनों से, अभी राख चंद मिनटों में उड़ जायेगी या घुल
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Read Moreओ३म् ऋषि दयानन्द ने 10 अप्रैल, सन् 1875 को मुम्बई में आर्यसमाज की स्थापना की और इसके द्वारा संगठित रूप
Read Moreस्ट्रीट चिल्ड्रन ‘देखा, उसके हाथ में कितना सुन्दर गिलास है’ बातुल ने गंजू से उस गिलास से कोई पेय पदार्थ पीते
Read Moreकरूँ वंदना मैं, मातु तुम्हारी…. शरण पड़ी हूँ रख लाज हमारी… करूँ वंदना मैं…………………. न है ज्ञान माता,झोली खाली हमारी
Read Moreकहने को तो घर में हूँ. पर दिन-रात सफ़र में हूँ. मेरी नज़र में वो न सही, पर मैं उसकी
Read Moreमुम्बई । महानगर की साहित्यिक,सामाजिक एवं सास्कृतिक संस्था ‘साहित्य संगम’ द्वारा प्रति वर्ष दिया जाने वाला राष्ट्रीय स्तर का ‘मनहर
Read Moreबाघ का नाम सुनते ही एक आम भारतीय का सिर गर्व से ऊठ जाता है। भारतीय वन्य प्राणिजगत का यह
Read Moreओ३म् महर्षि दयानन्द के आगमन से लोगों को यह ज्ञात हुआ कि विद्या व ज्ञान भी सत्य एवं असत्य दो
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