स्वामी विवेकानंद की संगीत – कलापरक दृष्टि
स्वामी विवेकानंद (12 जनवरी 1883-4 जुलाई 1902)अपने समकालीन भारत के सबसे प्रभावशाली दार्शनिकों और समाज – सुधारकों में से एक
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Read Moreजय गर्ग हिंदी भाषा पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (ऐआई) का प्रभाव व्यापक और दूरगामी है। यह न केवल भाषा के प्रचार-प्रसार
Read Moreसुपरिचित कुण्डलियाकार और साहित्यकार त्रिलोक सिंह ठकुरेला केन आह्वान पर साहित्यकारों द्वारा 19 नवम्बर को ‘कुण्डलिया दिवस’ के रूप में
Read Moreसामाजिक रीत है एकजुट रहने का,अपनों के साथ अपनी बात कहने का,पर सामाजिक रीत की डोरइस कदर न बंधे हो
Read Moreदेश के वरिष्ठ नागरिकों को विभिन्न समस्याओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। बहुत से वरिष्ठ नागरिक गंभीर
Read Moreनई तकनीकों का उपयोग करने वाले अभिनव उत्पाद और सेवाएं सौंदर्य और कल्याण क्षेत्र में हलचल मचाने लगी हैं। परिणामस्वरूप,
Read Moreसौजन्य भेंट “पापा, आपको जब भी कोई साहित्यकार मित्र अपनी पुस्तक भेंट करते हैं, तो वे बाकायदा आटोग्राफ देकर ही
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