कविता

पिया का प्यार

अपने अपने पिया का प्यार पाने के लिए,
सुहागन ने स्वयं को दुल्हन सा सजाया है,
बालों में लगा कर भीनी भीनी खुशबू का गजरा,
चमकती लाल बिंदिया से क्या माथा चमकाया है,
कानो में झुमके नाक में नथनी, मांग में सिन्दूर सजा,
अपने पिया को प्रेमालिंगनं के लिए पूरा उकसाया है,
सुहागन ,कंगन खनका कर और पैरों में पायल छनका कर,
दे रही आज अपने प्रियतम को प्यार का एक नया निमंत्रण ,
कलाईयां सज़ रही हैं रंग बिरंगी चूड़ियों से इन्द्र धनुष सी–
आज पिया कैसे रख पायेगा अपने नाज़ुक दिल पर नियंत्रण,
होठों पर लाल लाली ,आँखों में कजरा माथे पर चंदा की किरण,
आँखों में बादल सा काजल, मांग का सितारों से किया अलंकरण ,
ओढ़ कर चुनरिया धानी प्रीत रंग में रंग कर,करने पूर्ण समर्पण,
सुहागन का यह संकल्प भरा त्याग,
यूहीं, व्यर्थ नहीं जाएगा,
जिसकी सच्ची आस लगा कर ,दुल्हन सा सजाया है–
वह प्यार से अपनी जीवन संगिनी को ,
सारा जीवन हर सुख दुःख में अपनाएगा !

जय प्रकाश भाटिया

जय प्रकाश भाटिया जन्म दिन --१४/२/१९४९, टेक्सटाइल इंजीनियर , प्राइवेट कम्पनी में जनरल मेनेजर मो. 9855022670, 9855047845