कविता

मुक्तक : ***हौसले***

हौसलों को कभी कम न करो,
आंखों को कभी नम न करो|
कुछ तो सोंच रही होगी तुमसे,
पूरी करो उन्हें बस गम न करो|

7 thoughts on “मुक्तक : ***हौसले***

  • मनोज कुमार 'मौन'

    Vibha Rani ji aap ko yeh achchi lagi dhanyvad

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    बहुत ही सुंदर मुक्तक

  • मनोज कुमार 'मौन'

    gurmail singh ji dhanyvad, aap ko pasand aya hai mujhey achcha laga hai

  • मनोज कुमार 'मौन'

    saurabh ji v vijay singhal ji dhanyavad

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    मनोज भाई , कविता की मुझे इतनी समझ नहीं लेकिन जो लफ्ज़ आप ने लिखे हैं पिओर गोल्ड हैं किओंकि इन्हीं बातों के सहारे अपना जीवन आगे बड़ा रहा हूँ . धन्यवाद .

  • विजय कुमार सिंघल

    अच्छा मुक्तक !

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