स्वास्थ्य

पीठ दर्द का इलाज

आजकल पीठ के दर्द की शिकायत बहुत पायी जाती है। इसके कारण हो सकते हैं- व्यायाम न करना, मोटा तकिया लगाकर सोना और गलत तरीके से बैठना या चलना। हमें सभी कार्य करते समय, बैठते और चलते समय भी रीढ़ को बिल्कुल सीधी रखना चाहिए अर्थात् जमीन के लम्बवत्। सोते समय भी बिना तकिया लगाये चित सोना चाहिए। अगर तकिया अनिवार्य हो तो अधिक से अधिक एक या डेढ़ इंच मोटा तकिया लगाना चाहिए।

रीढ़ की समस्याओं के कारण होने वाले पीठ दर्द का सही तरीके से सही व्यायाम करके सरलता से इलाज किया जा सकता है। इसके लिए निम्नलिखित व्यायाम इसी क्रम में करने चाहिए-
1. पवन मुक्तासन – दो-दो बार, तीनों प्रकार से।
2. भुजंगासन – 2 मिनट
3. क्वीन एक्सरसाइज – 20-20 बार दोनों ओर।
4. किंग एक्सरसाइज – 20-20 बार दोनों ओर।
5. शवासन – 2 मिनट
6. कपालभाति प्राणायाम- 250 बार
7. अनुलोम विलोम प्राणायाम – 5 मिनट
8. ओंकार ध्वनि – तीन बार

इन सभी क्रियाओं को करने में केवल 15-20 मिनट लगेंगे। इनको प्रातः शौच के बाद अवश्य कर लें। अगर कष्ट अधिक हो तो और सायंकाल भोजन से एक-दो घंटा पहले भी कर सकते हैं।

इन सभी क्रियाओं को करने की विधि मेरी ‘स्वास्थ्य रहस्य’ पुस्तिका में दी गयी है। जिनके पास न हो वे मुझे vijaysinghal27@gmail.com पर ईमेल करके मंगा सकते हैं। वैसे क्वीन और किंग एक्सरसाइज की विधि लिख रहा हूं। शेष की विधि नेट पर भी मिल जाएगी।

इनको लगातार करने से एक-दो सप्ताह में लाभ मालूम होगा और एक-दो माह में दर्द से पूर्ण मुक्ति मिल जायेगी। समय रोग की स्थिति के अनुसार कम या अधिक लगता है।

क्वीन एक्सरसाइज- चित लेट जाइये। हाथों को कंधों की सीध में दोनों ओर फैला लीजिए। पैरों को सिकोड़कर घुटने ऊपर उठाकर मिला लीजिए। पंजे जाँघ से सटे रहेंगे। अब दोनों घुटनों को एक साथ बायीं ओर ले जाकर जमीन से लगाइए और सिर को दायीं ओर घुमाकर ठोड़ी को कंधे से लगाइए। एक-दो सेकण्ड इस स्थिति में रुककर घुटनों को घुमाते हुए दायीं ओर जमीन से लगाइए और सिर को घुमाते हुए ठोड़ी को बायें कंधे से लगाइए। इस प्रकार बारी-बारी से दोनों तरफ 20-20 बार कीजिए। यह मर्कटासन की प्रथम स्थिति है।

किंग एक्सरसाइज- चित लेट जाइये। हाथों को कंधों की सीध में दोनों ओर फैला लीजिए। पैरों को सिकोड़कर घुटने ऊपर उठा लीजिए और पैरों में एक-डेढ़ फीट का अन्तर दीजिए। अब दोनों पैरों को एक साथ बायीं ओर ले जाकर जमीन से लगाइए और सिर को दायीं ओर घुमाकर ठोड़ी को कंधे से लगाइए। इस स्थिति में दायें पैर का घुटना बायें पैर की एड़ी को छूते रहना चाहिए। एक-दो सेकण्ड इस स्थिति में रुककर घुटनों को उठाकर घुमाते हुए दायीं ओर जमीन से लगाइए और सिर को घुमाते हुए ठोड़ी को बायें कंधे से लगाइए। इस स्थिति में बायें पैर का घुटना दायें पैर की एड़ी को छूते रहना चाहिए। इस प्रकार बारी-बारी से दोनों तरफ 20-20 बार कीजिए। यह मर्कटासन की द्वितीय स्थिति है।

विजय कुमार सिंघल

डॉ. विजय कुमार सिंघल

नाम - डाॅ विजय कुमार सिंघल ‘अंजान’ जन्म तिथि - 27 अक्तूबर, 1959 जन्म स्थान - गाँव - दघेंटा, विकास खंड - बल्देव, जिला - मथुरा (उ.प्र.) पिता - स्व. श्री छेदा लाल अग्रवाल माता - स्व. श्रीमती शीला देवी पितामह - स्व. श्री चिन्तामणि जी सिंघल ज्येष्ठ पितामह - स्व. स्वामी शंकरानन्द सरस्वती जी महाराज शिक्षा - एम.स्टेट., एम.फिल. (कम्प्यूटर विज्ञान), सीएआईआईबी पुरस्कार - जापान के एक सरकारी संस्थान द्वारा कम्प्यूटरीकरण विषय पर आयोजित विश्व-स्तरीय निबंध प्रतियोगिता में विजयी होने पर पुरस्कार ग्रहण करने हेतु जापान यात्रा, जहाँ गोल्ड कप द्वारा सम्मानित। इसके अतिरिक्त अनेक निबंध प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत। आजीविका - इलाहाबाद बैंक, डीआरएस, मंडलीय कार्यालय, लखनऊ में मुख्य प्रबंधक (सूचना प्रौद्योगिकी) के पद से अवकाशप्राप्त। लेखन - कम्प्यूटर से सम्बंधित विषयों पर 80 पुस्तकें लिखित, जिनमें से 75 प्रकाशित। अन्य प्रकाशित पुस्तकें- वैदिक गीता, सरस भजन संग्रह, स्वास्थ्य रहस्य। अनेक लेख, कविताएँ, कहानियाँ, व्यंग्य, कार्टून आदि यत्र-तत्र प्रकाशित। महाभारत पर आधारित लघु उपन्यास ‘शान्तिदूत’ वेबसाइट पर प्रकाशित। आत्मकथा - प्रथम भाग (मुर्गे की तीसरी टाँग), द्वितीय भाग (दो नम्बर का आदमी) एवं तृतीय भाग (एक नजर पीछे की ओर) प्रकाशित। आत्मकथा का चतुर्थ भाग (महाशून्य की ओर) प्रकाशनाधीन। प्रकाशन- वेब पत्रिका ‘जय विजय’ मासिक का नियमित सम्पादन एवं प्रकाशन, वेबसाइट- www.jayvijay.co, ई-मेल: jayvijaymail@gmail.com, प्राकृतिक चिकित्सक एवं योगाचार्य सम्पर्क सूत्र - 15, सरयू विहार फेज 2, निकट बसन्त विहार, कमला नगर, आगरा-282005 (उप्र), मो. 9919997596, ई-मेल- vijayks@rediffmail.com, vijaysinghal27@gmail.com

5 thoughts on “पीठ दर्द का इलाज

  • Man Mohan Kumar Arya

    धन्यवाद श्री विजय जी। पीठ के रोगो के इलाज के लिए उपाय व आसनों ली जानकारी के लिए हार्दिक धन्यवाद। मैं इनसे लाभ लूंगा। कृपया मुझे पुस्तिका भेजने की कृपा करें। मेरा ईमेल आई डी है : manmohanarya@gmail.com

    • विजय कुमार सिंघल

      प्रणाम मान्यवर ! पुस्तिका शायद आपको पहले भेजी जा चुकी है. फिर भी पुनः भेज रहा हूँ.

      • Man Mohan Kumar Arya

        हार्दिक धन्यवाद।

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    विजय भाई , यह बहुत ही उपयोगी उपाय हैं , इस से बहुत फैदा होता है . जिंदगी की इतनी भाद दौड़ में से आधा घंटा तो निकालना ही चाहिए किओंकि जान है तो जहाँन है , बजुर्गों का कहा दरुस्त है .

    • विजय कुमार सिंघल

      सही कहा, भाई साहब आपने. जो लोग व्यायाम के लिए समय नहीं देते या दे पाते उनको बीमारी के लिए समय देना पड़ता है.

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