कवितापद्य साहित्य

इस देश की हालत क्या होगी ?

इस देश की हालत क्या होगी ?

 

जैसे नेताओं के वादे पर

कोई भरोसा नहीं,

मेघ तो आया यहाँ ,पर

मेघ में भी पानी नहीं |

नेता ,पैसा चमचों पर खरचता है

जरुरतमंदों पर नहीं ,

वर्षा वहां हो रही है

जहां उसकी जरुरत नही |

 

बादल फटा पहाड़ों में

समतल के गाँव जलमग्न हुए,

पहाड़ी नदियां उफान पर हैं

किनारों पर सब तबाह हुए |

 

त्राहि त्राहि पुकार रही जनता

शासक अभी सो रहा है ,

खोकर सबकुछ जल प्रलय में

नंगे बदन लोग ,भूख से तड़प रहे हैं |

जन कष्ट दिखा-दिखा कर, हर चेनेल

अपना अपना टी आर पी बढ़ा रहा है |
देर से जगी देश की सरकार

घोषणाओं की लगा दी अम्बार

किन्तु पीड़ित को मदत कहाँ ?

वह तो हाथ फैला खड़ा है ,

किन्तु दलाल के चहरे पर

मंद मंद मुस्कान है |

सरकारी गोदाम का माल से

नेताओं चालित एन जी ओ के

गोदाम भर रहे हैं |

इस देश की हालत क्या होगी यारों

जहां काम नहीं ,

घोषणाओं से सरकार चलती है,

देश सेवा के नाम से नेता

अपनी खज़ाना भरते हैं |

 

कालीपद “प्रसाद “

*कालीपद प्रसाद

जन्म ८ जुलाई १९४७ ,स्थान खुलना शिक्षा:– स्कूल :शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ,धर्मजयगड ,जिला रायगढ़, (छ .गढ़) l कालेज :(स्नातक ) –क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान,भोपाल ,( म,प्र.) एम .एस .सी (गणित )– जबलपुर विश्वविद्यालय,( म,प्र.) एम ए (अर्थ शास्त्र ) – गडवाल विश्वविद्यालय .श्रीनगर (उ.खण्ड) कार्यक्षेत्र - राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कालेज ( आर .आई .एम ,सी ) देहरादून में अध्यापन | तत पश्चात केन्द्रीय विद्यालय संगठन में प्राचार्य के रूप में 18 वर्ष तक सेवारत रहा | प्राचार्य के रूप में सेवानिवृत्त हुआ | रचनात्मक कार्य : शैक्षणिक लेख केंद्रीय विद्यालय संगठन के पत्रिका में प्रकाशित हुए | २. “ Value Based Education” नाम से पुस्तक २००० में प्रकाशित हुई | कविता संग्रह का प्रथम संस्करण “काव्य सौरभ“ दिसम्बर २०१४ में प्रकाशित हुआ l "अँधेरे से उजाले की ओर " २०१६ प्रकाशित हुआ है | एक और कविता संग्रह ,एक उपन्यास प्रकाशन के लिए तैयार है !