उपन्यास अंश

अधूरी कहानी: अध्याय-16: बथॆडे पार्टी

पार्टी की सारी तैयारियाँ हो चुकी थीं वाॅयज हाॅस्टल में एक बड़ी सी लाॅवी थी उसी लाॅवी में पार्टी का सारा इंतजाम किया गया था और सबको आमन्त्रित किया गया था। लड़कियों तथा लड़को के हाॅसटल के बीच में आता था वो लाइब्रेरी वाला हाॅल जिसे सूरज ने बिल्कुल भूतिया खंडर की तरह डेकूरेट किया था उसके बाद समीर ने उस हाॅल में जगह-जगह टेप रिकॉर्डर लगा दिये जिनमें भूतिया आवाजें रिकॉर्ड थीं फिर सब लोग तैयार हो गये।

पार्टी में सभी लोग आ चुके थे, लाॅबी ज्यादा बड़ी न होने के कारण बहुत भीड़ जैसी लग रही थी।अब कोई बचा तो नहीं समीर ने सूरज से पूछा सूरज बोला सब लोग आ चुके है तभी अमित बोला फिर क्या चलो अब काटा जाये केक।

रवि केक की तरफ बड़ा फिर सब लोग रवि के चारों तरफ आ गये रवि ने कैंडल बुझा कर केक काटा सब लोग रवि को विश करने लगे तथा पार्टी शुरू हो गयी पार्टी में सब लोग थे पर समीर कहीं अचानक गायब हो गया तथा फिर कुछ देर बाद आ गया।सब लोग डांस कर रहे थे पर समीर और सिद्धार्थ कुछ प्लान कर रहे थे।

सभी लोग पार्टी का मजा ले रहे थे रवि को बहुत सारे उपहार मिले थे।रवि खुश था तथा उसके सभी दोस्त भी खुश थे क्योंकि आज रेनुका को सबक मिलने वाला था।

दयाल कुशवाह

पता-ज्ञानखेडा, टनकपुर- 262309 जिला-चंपावन, राज्य-उत्तराखंड संपर्क-9084824513 ईमेल आईडी-dndyl.kushwaha@gmail.com

One thought on “अधूरी कहानी: अध्याय-16: बथॆडे पार्टी

  • विजय कुमार सिंघल

    रोचक !

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