राजनीति

राज को राज मत रहने दो

राज को राज मत रहने दो, हिन्दूओ और मुसलमानो

(एक काल्पनिक गोपनीय बातचीत का पर्दाफ़ाश)

सेक्यूलर–हेलो, मैं सेक्यूलर बोल रहा हूं I

देशद्रोही– हां, बोलो, तुम्हारी तो आवाज भी पहचानता हूं, मिजाज भी और सारी चालबाजियां भी I

सेक्यूलर- तुम्हें मजाक सूझ रही है, यां तो जमीन खिसकने लगी है, ये साले मुसलमानों को क्या हो गया है ?

देशद्रोही- मेरी भी दिमाग की सारी बत्तियां बूझने लगी है I

सेक्यूलर- ऐसे तो सारा किया धरा मिट्टी हो जाएगा !

देशद्रोही- मिट्टी तो हो जाएगा, हमें तो लग रहा है कि ये हिन्दू मुस्लिम मिलकर कहीं हमें मिट्टी मे नहीं मिलादें यानी कि हमारी कब्र नहीं खोद डालें I

सेक्यूलर- ये समझ नहीं आ रहा कि मीडिया- वीडिया के बाद भी मुसलमानों को कैसे पता चल गया कि RSS बेसिकली मुस्लिम का समग्र विकास चाहती है I पता करो नहीं तो वाट लग जाने वाली है I

देशद्रोही- देखते हैं भिया, नहीं तो लोग इतना मारेंगे कि सबके मंसूबें जाहिर करना पड़ेंगे I

सेक्यूलर –क्या सीबीआई वाले मारेंगे ? अरे, ऐसे कैसे मारेंगे, आग लगा देंगे, आग, पूरे हिन्दुस्तान में I पूरे 60 साल का पुख्ता अनुभव है I

देशद्रोही – भिया, सीबीआई या पुलिस वुलिस नहीं, मुसलमान मारेंगे, हां आम मुसलमान I वे सारे आम मुसलमान जिन्हें हमने पढ़ने लिखने नहीं दिया I

देशद्रोही – हां, यार I

सेक्यूलर- यार, मुसलमानों की महिलाएं तक को अपने षड्यंत्र का पता चल गया है, देखो न अब राममन्दिर की मांग कर रही है I

देशद्रोही– रोको यार कैसे भी, एक दो दंगे ही करवा दो, शायद ये सिलसिला रुक जाए I

सेक्यूलर- देख नहीं रहे हो, देशव्यापी कोशिशों में जी जान से जुटे हैं, पर ! अब बहुत मुश्किल लग रहा है, दाल पतली हो रही है, एक तो ये RSS का साला नेटवर्क फ्री फ़ोकट का है और दूसरा घर-घर तक का है I मुसलमानों को समझ में आ गया है कि जहां भी आर.एस.एस. का प्रभाव है, वहां मुस्लिम पूरीतरह सुरक्षित है, अरे यार, आर.एस.एस. के किसी छोटे बड़े अधिकारी या नए नए स्वयंसेवकों ने किसी मुसलमान के साथ भेदभाव नहीं किया I हम बरगलाते रहे कि ये मौका मिलते ही मीठी छूरी से हलाल कर देंगे, पर साला आज तलक ऐसा हुआ ही नहीं Ipic 1

देशद्रोही – अपना क्या होगा भिया ? डर सा लगने लगा है I

आम हिन्दुस्तानी का जवाब – जाग रहा है हिन्दू, जाग गया है मुसलमान I जय भारत जय हिन्दुस्तान (मुस्लिम महिलाओं ने सरकार से राम मंदिर बनने के लिए तीव्र मांग उठाई । कलेक्टर को दिया विज्ञापन । धन्यवाद है, ऐसी मुस्लिम महिलाओं को…)

— डॉ.मनोहर भण्डारी

One thought on “राज को राज मत रहने दो

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    अच्छा लेखन

Comments are closed.