कवितापद्य साहित्य

शिक्षा

शिक्षा इस जगत मे,
आधार नही है जीवन है,
इस शिक्षा के बल पर मानव,
करता है जग मे सब काम।
जो ज्ञान घ्यान मान अर्जित कर,
जग मे करता प्रचार प्रसार,
उसके अथक परिश्रम से
जग का होता सदा कल्याण।
जीवन मे आगे बढने का,
सेवा से बडा कोई धर्म नही,
माता -पिता गुरूजन की सेवा।
ज्ञान प्रसार का मार्ग सदा,
शुभ सोच समझ रखने वाला
मानव प्राणी है महावली।
शिक्षा इस जगत मे,
आधार नही है जीवन है।

बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी (स्नातकोत्तर छात्रा) पता -चेनारी रोहतास सासाराम बिहार।

One thought on “शिक्षा

  • कविता अच्छी लगी .

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