कविता

आतंक

कौन धर्म कहता ,बेगुनाहों को मारा जाए !
हश्र देख धरा का ,खुदा भी यह दोहराए !

ऐसे कर्म करके ,क्या तुम कहलाओगे ,
आतंक को फैला के ,क्यों इतना लहू बहाए !

मानवता ही श्रेष्ठ धर्म है ,जब इसे निभाओगे ,
शान्ति तुम्हें भी मिलेगी ,अपने कदम जो बड़ाए !

गल्तफहमी को क्यों उपजाते ,मन को हो भ्रमाते ,
छोड़ दो अब भी यह राहें ,फिर देर न हो जाए !!!
कामनी गुप्ता ***

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |