कविता

“मुक्तक”

सादर स्नेह प्रिय मित्रो, आप सभी को निवेदित है मेरी एक रचना मुक्तक……..

“मुक्तक”

उठा लो हाथ में खंजर, बुला लो जलजला कोई
न होगा बाल बांका भी, लगा लो शिलशिला कोई
अमन के हम पुजारी हैं, शांति के हम फरिस्ते हैं
न करते वार पीछे से, सुना लो मरहला कोई ॥

महातम मिश्र

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ

4 thoughts on ““मुक्तक”

  • नीतू सिंह

    बढियां

    • महातम मिश्र

      सादर धन्यवाद आदरणीया नीतू सिंह जी

    • महातम मिश्र

      सादर धन्यवाद मित्र रमेश सिंह जी

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