कहानी

इज़ाफ़े की राह पर

यूं तो दुनिया भर में कई रिश्ते मौजूद हैं- माता-पिता का अपने बच्चों से, भाई-बहन का एक-दूजे से, लेकिन इन सबसे विपरीत शायद दोस्ती ऐसा एकमात्र रिश्ता है जो खून का रिश्ता न होते हुए भी गहरे प्यार के साथ पनपता है. दो ऐसे लोग जो एक-दूसरे की ओर आकर्षित होते हैं, एक-दूसरे को समझते हैं और एक-दूजे की जरूरतों का ख्याल भी रखते हैं. यही दोस्ती अक्सर प्रेम-प्यार में बदल जाती है. प्रेम-प्यार में कभी-कभी दिल टूटने की स्थिति भी आ जाती है. इसी दिल टूटने से कुछ लोग प्रेम-प्यार को हमेशा के लिए अलविदा कह देते हैं और कई उस प्रेम-प्यार में और अधिक इज़ाफ़े की राह पर चल पड़ते हैं. आज प्रेम-प्यार में और अधिक इज़ाफ़ा करने की इसी मनोहारी स्थिति वाली एक कहानी का आनंद लेते हैं.

 

यह कहानी उस अमेरिकी किशोर की है जिसने वैलेंटाइन डे के मौके पर अपने स्कूल की 834 लड़कियों को तोहफे में फूल दिया. कहानी की एक और खास बात यह भी है, कि उसने इसके लिए छोटे-मोटे काम करके पैसे बचाए थे. 17 साल के हेडन गॉडफ्रे की अपनी स्कूल की लड़कियों के लिए यह ‘दरियादिली’ सालों की ‘मेहनत और प्लानिंग’ का नतीजा थी. यूतॉ के स्मिथफील्ड के रहने वाले हेडन ने डेढ़ साल में 450 अमेरिकी डॉलर बचाए, ताकि वह एक ऑनलाइन होलसेलर से गुलाबी रंग के फूल खरीद सके.

 

हेडन 14 साल की उम्र से ही अपने दर्जनों दोस्तों को बेनामी फूल भेज दिया करते थे. साल दर साल हेडन का प्रॉजेक्ट बड़ा होता चला गया और उन्होंने यह तय किया कि इस वैलंटाइन के मौके पर ‘जितनी बड़ी तादाद में हो सके’ उतने लोगों को खुशी का मौका देंगे. इसके लिए उन्होंने रेस्तरांओं में काम करके पैसे बचाए, यहां तक कि जूठे बर्तन भी धोए. हेडन की मां कहती हैं, कि उनके बेटे को यह ख्याल एक बार दिल टूटने के बाद आया और तभी से वह हर लड़की को खुशी देना चाहता है.

 

हेडन के इस मकसद में उनके स्कूल के प्रिंसिपल ने भी उनका साथ दिया, यह बताकर कि उस स्कूल में कितनी लड़कियां पढ़ती हैं और इस तरह से हेडन वैलेंटाइन डे के मौके पर 834 लड़कियों को उनका गिफ्ट देने में कामयाब रहे.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

4 thoughts on “इज़ाफ़े की राह पर

  • विजय कुमार सिंघल

    अच्छी प्रेरक कहानी !

    • लीला तिवानी

      प्रिय विजय भाई जी, प्रोत्साहन के लिए आभार.

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    हेडन वैलेंटाइन डे के मौके पर 834 लड़कियों को उनका गिफ्ट देने में कामयाब रहे.अधभुत कहानी .इस कोमल विचार से हेडन हर्मन पियारा हो गिया .

    • लीला तिवानी

      प्रिय गुरमैल भाई जी, आपने बिलकुल दुरुस्त फरमाया है.

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