हर कदम चुनौती है….
हर कदम चुनौती है ईम्तिहान है ज़िंदगी।
कौन कहता है कि आसान है ज़िदगी॥
एक तो ऐसे ही कुछ कम नही परेशानियां।
बढती हसरतों से और परेशान है ज़िंदगी॥
कब चली जायेगी किसी को क्या पता ।
किस पर कितने दिन मेहरबान है ज़िंदगी॥
मिलकर भी नही मिली आजतक मुझे।
मेरी है पर मुझसे अनजान है ज़िंदगी॥
जानें कितने मोड लिये बैठी है दामन में।
खुशी कभी ग़म का फरमान है ज़िंदगी॥
खुद भी जियो औरों को भी जीने दो।
जैसी है कुदरत का वरदान है ज़िंदगी॥
दोज़ख और जन्नत का वहम मत रख।
नेकी कर जन्नत के समान है जिंदगी॥
सतीश बंसल