कहानी

ज़िंदगी रुकती नहीं है

न तो ज़िंदगी रुकती है और न ही साहसी राही. उसकी ज़िंदगी भी रुकी नहीं, अपनी चाल से चलती गई. छोटी-सी बच्ची से वह किशोरी और किशोरी से नवयुवती हुई वह कब यौवन की दहलीज़ को पार कर जीवन के उस कगार पर आ पहुंची, जिसे अधेड़ उम्र की संज्ञा दी जाती है, उसे पता नहीं चला. उसे ज़िंदगी से कोई शिकायत नहीं थी. गरीबी और मुफ़लिसी ने जिसके चेहरे पर कोई शिकन न आने दी, आज वह ठाठ से सरकारी नौकरी में मसरूफ़ है, फिर कैसी चिंता? है न चिंता, उसको नहीं उसके घरवालों को और उससे भी ज़्यादा उनके पड़ोसियों को.
ख़ैर जी, वह चिंता भी दूर हुई. ज़िंदगी एक और मोड़ मुड़ गई थी. उसी की तरह एक अधेड़ उम्र को पहुंचे हुए खूबसूरत व सरकारी नौकरी में उच्च पद पर आसीन शख़्स से उसका विवाह सम्पन्न हो गया. अब मुश्किलों का एक नया दौर शुरु हो गया था. वह शख़्स एक तो पुरुष था, दूसरे इतने सालों तक अपनी मर्ज़ी का मालिक, उसके एकाकी जीवन के अपने और सिर्फ अपने राज्य में मानो सेंध लग गई थी. महिला ने चेहरे पर फिर भी कोई शिकन न आने दी. उसने किसी मुश्किल को मुश्किल ही नहीं माना और यह सोचकर, कि पीछे मुड़ने की हर राह रुकी हुई है, उससे उसके मायके की ओर उंगली उठ सकती है, अपने मन में साहस को समेटकर उसने ज़िंदगी को निर्विकार-निर्विवाद चलने दिया. समझौते करना उसकी फितरत बन गई. इन्हीं समझौतों ने उसे साहस की महारानी बना दिया और घर, बाहर, नौकरी में सब जगह वाहवाही दिलवाई. 25 साल बाद भी आज सबके मन की महारानी बनी हुई वह ज़िंदगी की राह पर चली जा रही है, क्योंकि ज़िंदगी रुकती नहीं है. उसके चेहरे पर आज भी कोई शिकन नहीं है.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

6 thoughts on “ज़िंदगी रुकती नहीं है

  • Man Mohan Kumar Arya

    शिक्षाप्रद एवं प्रेरणादायक कहानी के लिए धन्यवाद।

  • Man Mohan Kumar Arya

    शिक्षाप्रद एवं प्रेरणादायक कहानी के लिए धन्यवाद।

  • विजय कुमार सिंघल

    अच्छी कहानी, बहिन जी ! हमेशा सकारात्मक दृष्टिकोण रखने से सभी समस्याएँ हल हो जाती हैं।

    • लीला तिवानी

      प्रिय विजय भाई जी, आपने बिलकुल दुरुस्त फरमाया है. सार्थक प्रतिक्रिया करने के लिए आभार.

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    लीला बहन , कहानी अच्छी लगी और लगती है यह हकीकत ही किओंकि ऐसी बहुत औरतें होंगी जो साहसी हैं लेकिन साहसी होने के सिवाए उन के पास कोई चारा भी नहीं है . जिस औरत के बहन भाई उस के पीछे हों तो वोह रोअब से रह भी सकती है लेकिन जिस का कोई ना हो ,उस के लिए तो साहसी होना ही पड़ेगा .

    • लीला तिवानी

      प्रिय गुरमैल भाई जी, सच्चे किस्से में ही इतनी दृढ़ता आ पाती है, वैसे साहसी के लिए कुछ भी असंभव नहीं है. प्रेम से परायों को भी अपना बनाया जा सकता है. उसमें प्रेम की पराकाष्ठा है. बेमिसाल प्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया.

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