गज़ल
खामोश अकसर जब भी मैं रहता हूँ। तुम समझते हो मैं चुप ही रहता हूँ। हर बार शब्दों का शौर
Read Moreकैसे बच्चों को दिखलाऊँ झांकी हिंदुस्तान की बन के आज तमाशा रह गई धरती ये बलिदान की कुछ तो
Read Moreजाने ये कौन से जन्म का नाता है जो दिल से न भुलाया जाता है जब भी कोशिश करता हूँ
Read Moreकरुणावती पत्रिका के लिए जब राशि देने का समय आया तो दुविधा ये हुई कि मैं रहती पटना में हूँ …. पैसा
Read Moreमंच को सादर प्रस्तुत है एक शिवमय रचना, आप सभी पावन शिवरात्री पर मंगल शुभकामना, ॐ नमः शिवाय “कंहरवा तर्ज
Read Moreधार्मिक मान्यताओं के अनुसार रात्रि यानी अंधकार का वक्त बुरी शक्तियों या भावनाओं के हावी होने का समय होता है,
Read Moreमित्रो, बचपन में एक गीत बहुत सुना करते थे “आओ बच्चो तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की”। उसमें हमारे गौरवमय इतिहास
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