मुक्तक/दोहा

मुक्तक

अनेकता में भी एकता हो ये काम अच्छा है
मजबुत हो हमारा भारत ये पैगाम अच्छा है
काम आ सकूँ मै देश के चाहे प्राण भी जाये
शहीदों मे नाम मेरा भी हो ये नाम अच्छा है !!

— बेख़बर देहलवी

बेख़बर देहलवी

नाम-विनोद कुमार गुप्ता साहित्यिक नाम- बेख़बर देहलवी लेखन-गीत,गजल,कविता और सामाजिक लेख विधा-श्रंगार, वियोग, ओज उपलब्धि-गगन स्वर हिन्दी सम्मान 2014 हीयूमिनिटी अचीवर्स अवार्ड 2016 पूरे भारत मे लगभग 500 कविताओं और लेख का प्रकाशन

One thought on “मुक्तक

  • राज किशोर मिश्र 'राज'

    लाजवाब सृजन

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