स्वांग
लोक लाज की डोर को थामे
जीते जी सब, कईं बार मरें !
लिए आँखों में टूटे सपने
खुश रहने का है, स्वांग करें !!
दिल रोता है, फिर भी लबों को
हँसते दुनिया ने देखा है !
हरपल-हरदम देखो जिसको
खड़ा देने को, धोखा है !!
लगा गले, करें वार पीठ पर
दुनिया वाले ये काम करें !
दिल में छुपा, नफ़रत का सागर
खुश रहने का है, स्वांग करें !!
— अंजु गुप्ता