कविता

स्वांग

लोक लाज की डोर को थामे
जीते जी सब, कईं बार मरें !
लिए आँखों में टूटे सपने
खुश रहने का है, स्वांग करें !!

दिल रोता है, फिर भी लबों को
हँसते दुनिया ने देखा है !
हरपल-हरदम देखो जिसको
खड़ा देने को, धोखा है !!

लगा गले, करें वार पीठ पर
दुनिया वाले ये काम करें !
दिल में छुपा, नफ़रत का सागर
खुश रहने का है, स्वांग करें !!

अंजु गुप्ता

*अंजु गुप्ता

Am Self Employed Soft Skill Trainer with more than 24 years of rich experience in Education field. Hindi is my passion & English is my profession. Qualification: B.Com, PGDMM, MBA, MA (English), B.Ed