बाल कविता

बाल कविता : हवा में किसने ज़हर मिलाया

दादा जी को खांसी छूटी,
दादी मां की आंखे फूटी,

लौकी ,तोरी में इंजेक्शन,
करते बाॅडी में इंफेक्शन,

साईकिल नहीं चलाता कोई
पेड़ो की हरियाली खोई,

पानी में मछली रोती है,
जंगल में चिड़िया रोती है,

कटे पेड़,बंजर धरती पर,
इसी तरह जीवन ढोती है,

जल,धरती और वायु में
ऐसे ज़हर ना घोलो,

नहीं रहा कल कुछ तो,
कैसे जियोगे बोलो,

अगर बचाना है धरती को,
बात मेरी ये मानो,

नहीं प्रदूषण फैलाऐंगे,
मन में अपने ठानो।।

 असमा सुबहानी
रूड़की,हरिद्वार।

असमा सुबहानी

Asma Subhani (Science Teacher) Gov.Junior High School,Budpur jatt, Block -Narsan,Haridwar(Uttarakhand)