कविता

कविता :मेरे राम मुझे तुम वर लो ना !

सीता को जैसे वरा राम ने
मेरे राम मुझे तुम वर लो ना !
लगा सिंदूर नाम का अपने
खुशियों से दामन भर दो ना !!

बनना न चाहूं मैं तेरी राधा
चाहे प्रेमी कृष्ण सखा होवे !
रह लूँगी संग तेरे कुटिया में
पर संग तेरा नाम जुड़ा होवे !!

बनना न चाहूं धरती-अम्बर
रहें साथ, कभी न मिल पाएँ !
जन्म जन्मांतर के साथी हैं
पर सीमाओं से न हिल पाएँ !!

बैठ डोली आऊं तेरे अँगना
मेरे राम मुझे तुम वर लो ना !
लगा सिंदूर नाम का अपने
खुशियों से दामन भर दो ना !!

अंजु गुप्ता

*अंजु गुप्ता

Am Self Employed Soft Skill Trainer with more than 24 years of rich experience in Education field. Hindi is my passion & English is my profession. Qualification: B.Com, PGDMM, MBA, MA (English), B.Ed

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