ग़ज़ल
मेरी पाक मोहब्बत का इम्तहान है जो जख्म दे रहा है वही मेंरी जान है। दिल को गुरूर ऐसा उसपर
Read Moreओ३म् महर्षि दयानन्द की जीवन ज्योति ने देश में अनेक नये जीवन दीपों को प्रज्जवलित किया था जिसका परिणाम धार्मिक
Read Moreकिसान ऐसे वक्त ही ……………………. ताव दिखाने पर तुला तापमान पारा चढता जाता है धधक रही है घरा बहुत सूरज
Read Moreबेमेल विवाह जैसी बदरंग जिन्दगी से शिकायत तभी तक होती हैं जब तक समझौता नही कर पाते! करते ही शिकायते अपने आप
Read Moreचारों तरफ जगत में फैला, प्रचलन कितना गन्दा है। पुतला फूँक रहे हैं लेकिन, रावण फिर भी जिन्दा है। सीता
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