कविता

नज्म

तुम्हें भूलने की नाकाम कोशिश में
मर रही हूँ तिल-तिल करके
मैं नही हो पाऊँगी कामयाब कभी
देख चुकी हर कोशिश करके
मैं भूलते तो नही पल भर के लिए भी
हां याद आते हो कुछ और भी ज्यादा
हर यत्न करती हूँ तुम्हें भूलने की लेकिन
पल में टूट जाता है तुम्हें भूलने का इरादा
सांसें तो चलती हैं तुम बिन भी लेकिन
जीना तुम बिन गुनाह सा लगता है
दिल भी धड़कता है तुम बिन लेकिन
जिस्म इक पुतला बेज़ान सा लगता है
क्या समझ पावोगे कभी तुम हाल मेरा?
कैसे जीती हूँ मैं पल भर भी बिना तुम्हारे
तुम देख भी ना पावोगे कभी मेरे आंसू
तुम्हें खबर ही नही मेरा कोई नही सिवा तुम्हारे।

सुमन शर्मा 

सुमन शर्मा

नाम-सुमन शर्मा पता-554/1602,गली न0-8 पवनपुरी,आलमबाग, लखनऊ उत्तर प्रदेश। पिन न0-226005 सम्प्रति- स्वतंत्र लेखन प्रकाशित पुस्तकें- शब्दगंगा, शब्द अनुराग सम्मान - शब्द गंगा सम्मान काव्य गौरव सम्मान Email- rajuraman99@gmail.com