बाल कविता

पोते ने बनाया केक

छुट्टी वाले दिन कोई नया काम करना है उसकी टेक,
कोई छुट्टी बिना नए काम के जाए न फेक,
इसलिए इस रविवार को हमारे पोते ने,
दादी की मदद से बनाया एक केक.
केक को बनाकर उस पर आइसिंग की गई,
आइसिंग में पेंटिंग की कारीगरी भी प्रयुक्त की गई,
ऊपर से पाइनेपिल के पीसेज़ रखकर,
उसकी सुंदर तस्वीर खींची गई.
अब आई केक के खाने की बारी,
केक कटर और प्लेट्स लाकर की केक काटने-खाने की तैयारी,
इतने में कॉल बेल की ट्रिन-ट्रिन हुई,
दरवाज़ा खोला तो आई थी बुआजी प्यारी-प्यारी.
सबसे पहले आधा केक उनको दिया गया,
पहली बार पोते के केक बनाने की खुशी को एप्रिशियेट किया गया,
एप्रिशियेट करने का यह मतलब नहीं कि
पोते की केक खाने की इच्छा को भुला दिया गया.
उसने सबको थोड़ा-थोड़ा केक दिया,
सबने केक खाकर दे अपनी-अपनी प्रतिक्रिया,
बीच-बीच में पोता भी केक खाता गया,
कहता गया शुक्रिया के लिए शुक्रिया.
हमने पूछा- ”How many orders of Cake you have got?
वह बोला- ”Three” हमने कहा ”दादी के लिए एक free?”
वह बोला- ”no-no it is my buisness, nothing free
May be my order upto twenty three.”
वह कर रहा था वाट्स ऐप पर मोल-भाव,
10 डॉलर से बारह डॉलर तक आ गया था उसके केक का भाव,
हम चुप बैठे रहे बनेगा फिर से केक तो चखने को तो मिलेगा ही,
खाने दो पोते को भी बिना मूछों के ही थोड़ा-सा ताव.”

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

6 thoughts on “पोते ने बनाया केक

  • मनमोहन कुमार आर्य

    पोते के अच्छे काम का अच्छा गुणानुवाद। कविता अच्छी लगी।

    • लीला तिवानी

      प्रिय मनमोहन भाई जी, बच्चे भगवान का रूप होते हैं, उनकी हर बाललीला गुणानुवाद के योग्य होती है. अति सुंदर व सार्थक टिप्पणी के लिए आभार.

  • राज किशोर मिश्र 'राज'

    वाहह पोते के हाथ का केक
    मिठास अद्भुत काबीले तारीफ़

    • लीला तिवानी

      प्रिय राजकिशोर भाई जी, इस मिठास का जवाब नहीं. अति सुंदर व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आभार.

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    हा हा ,पोते ने केक बनाया और सब का मुंह मीठा कराया . बिन देखे यह केक मुंह में पानी आया .

    • लीला तिवानी

      प्रिय गुरमैल भाई जी, केक बहुत यमी-यमी बना था. अति सुंदर व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आभार.

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