धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

आस्था

हर एक को चाहे वो जिस भी धर्म का हो अपने अपने धर्म में आस्था होती है,यही आस्था ही तो हमें जीवन में सकारात्मक रहने का और विश्वास का महत्व बताती है। आस्था का यह मतलब कदापि नहीं है कि हम कोई कर्म न करें सिर्फ आस्था से अपने जीवन को खुद ही मनचाहा मोड़ लेने दे। अपितु हम ऐसे कर्म करें जो हमें हमारे इष्ट के समीप ले जाएं जो हमें सही और सच्चा मार्ग दिखाए चाहे उस मार्ग से गुज़रना कठिन हो या कदम कदम पर हमारी परिक्षा हो हम विश्वास से सब मुशकिलों का सामना करने के लिए तैयार हो जाते हैं क्योंकि हमें आस्था होती है जो नकारात्म और गल्त सोच को कोसों दूर रखती है। सच्ची आस्था में नि:सदेह वो शक्ति होती है। आस्था हमें जीवन को जीने के साथ साथ एक उर्जा का काम करती है जो जीवन को सही दिशा देने में हमे सहयोग देती है।
जब मन विश्वास से परिपूर्ण होगा तो मार्ग में आने वाली छोटी छोटी बाधाएं भी हमें हमारे मार्ग से पीछे नहीं हटा सकती। जीवन में एक अदभुत सी शक्ति का संचार लगता है और हम प्रत्येक कार्य को दिल से और मेहनत से करते हैं। जाने अंजाने भी ऐसे कर्म करने से डरते हैं जो धर्म की मर्यादा को भंग करते हों या जो हमें हमारी आस्था से परे करते हों। हर मजहब भाईचारे, शान्ति और प्रेम का संदेश देता है नफरत और वैर का तो कहीं स्थान ही नहीं है।।।

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |

2 thoughts on “आस्था

  • लीला तिवानी

    प्रिय सखी कामनी जी, आस्था हमें जीवन को जीने के साथ साथ एक ऊर्जा का काम करती है. अति सुंदर व सार्थक विचारों के लिए आभार.

    • आपका धन्यवाद मैम !

Comments are closed.