कविता

कविता : होश जब आया…

होश जब आया तो …
तुम दूर जा चुके थे
अपनी ज़िंदगी से
हमको भूला चुके थे

अहसास इस दूरी का…
हम सह न पा रहे थे
आँखों से झरते आँसू
हाले-दिल बता रहे थे !!

होंठों पे इक हंसी थी..
आँखों में सूनापन था
तुझे खोने के एहसास से
इस दिल में रीतापन था !!

न था सोच में भी सोचा…
जिंदगी में ये पल आयेगा
आँधियों के बवंडर से
सपनों का महल डगमगायेगा !!

एे काश ! ज़िंदगी में…
तुम लौट कर आ जाऔ
ग़मगीन ज़िंदगी को

गुलज़ार तुम कर जाऔ !!

अंजु गुप्ता

*अंजु गुप्ता

Am Self Employed Soft Skill Trainer with more than 24 years of rich experience in Education field. Hindi is my passion & English is my profession. Qualification: B.Com, PGDMM, MBA, MA (English), B.Ed