गीतिका/ग़ज़ल

लगाकर दिल किसी से यूँ

लगा कर दिल किसी से यूँ मुकर जाना नही अच्छा।
किसी को प्यार में इतना भी तडपाना नही अच्छा॥

किसी के दिल में रहते हो किसी से दिल लगाते हो।
मुहब्बत में किसी का दिल युँ तडपाना नही अच्छा॥

गुजरते वक्त में यूँ तो गुजर जाती हैं बाते भी।
मगर इस वक्त का यूँ ही गुजर जाना नही अच्छा॥

चलो इतना कहो तुमको मुहब्बत ही नहीं हम से।
मुहब्बत है तो फिर उसको युँ झुठलाना नही अच्छा॥

बसे हो तुम मेरे दिल में बिछुड जाओगे तुम कैसे।
लगा कर दिल से दिल दिलवर ग़ज़ब ढाना नही अच्छा॥

घनी इस धुंध में दिल की शमा रोशन ही रहने दो॥
सदा दे कर मुहब्बत में युँ छुप जाना नही अच्छा॥

किया तुमने अगर वादा निभाना सीखिये बंसल।
वफा की राह में वादों से फिर जाना नही अच्छा॥

सतीश बंसल

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.