Month: August 2016

धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

जीवात्मा ही सुख-दुःख का भोक्ता और ईश्वर उनका साक्षी है

ओ३म् –ऋषि दयानन्द उपदेश-   मनुष्य का) देह और अन्तःकरण जड़ है, उनको शीतोष्ण प्राप्ति और भोग नहीं है जैसे

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