जीवात्मा ही सुख-दुःख का भोक्ता और ईश्वर उनका साक्षी है
ओ३म् –ऋषि दयानन्द उपदेश- मनुष्य का) देह और अन्तःकरण जड़ है, उनको शीतोष्ण प्राप्ति और भोग नहीं है जैसे
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Read Moreमेरे प्यारे भारतवासियो, रियो से नमस्कार, आज आपकी नज़र मेरे प्रदर्शन पर है और मेरी नज़र मेरे प्यारे देश भारत
Read Moreआ गया राखी का पर्ब राखी का त्यौहार आ ही गया ,इस त्यौहार को मनाने के लिए या कहिये की
Read Moreप्रिय बच्चो, जय हिंद, आप अपने स्कूलों में आजादी की 70वीं सालगिरह मनाने की तैयारी कर रहे होंगे. राष्ट्रगान और
Read Moreसम्बन्ध आज सारे, व्यापार हो गये हैं। अनुबन्ध आज सारे, मनुहार हो गये हैं।। न वो प्यार चाहता है, न
Read Moreबेटे छत खिड़की दरवाज़े और घर की अँगनाई बिटिया सारे रिश्ते फूल चमेली और भीनी पुरवाई बिटिया क़तरा क़तरा मोती
Read Moreस्वप्न में जब रहा था मैं, कहाँ इस जगती रहा था; मन की अवचेतन गुफ़ा में, मैं किसी क्रीड़ा रहा
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